सोमवार, 9 मई 2011

प्रेम





यहाँ पर प्रेम का अर्थ है आप अपनी प्रकृति प्राणी मात्र से प्रेम करने की रखो यानि आपके द्वारा किसी का भला हो सके तो अच्छा है, लेकीन किसी का अहित कभी न हो !आपका प्रयास यह हो की आपकी वजह से किसी का दिल न दुके !किसी को गुनाह या कुछ गलत करने से रोकना भी उससे प्रेम करना ही है , लेकिन बदला लेने का भाव कभी न रखे ! यह आपकी आदत मै आ जाने पर आपके सरे निर्णय स्वत ही ठीक होगे !आपके मुख से स्वत ही अच्छे बोल निकलेगे ,आपका व्यवहार सबसे अच्छा ही होगा !

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