रविवार, 15 मई 2011

सन्गठन

सन्गठन की ताकत के बारे में हम सब भली -भाति जानते है !सफलता के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है की आप अपने साथियों ,सहयोगियों के साथ किस तरह समन्वय बिठाते है !अकेले की ताकत दुनिया में कोई काम नही करती !जब आपको दुसरो की ताकत का इस्तेमाल करना आ जाता है तो ही आप किसी अच्छे कार्य को सम्पन्न कर सकते हो !एक विचित्र बात यह है की दुनिया में हर मनुष्य अलग -अलग स्वभाव का होता है !सबकी अलग -अलग योग्यता ,कार्य कुशलता ,पसंद ,मनोवृतिया, आदते होती है !कोई भी दो व्यक्ति हर प्रकार से एक तरह के होना बिलकुल असंभव है !एसे में सबसे समन्वय बिठाना निश्चित रूप से एक अति कुशलता का कार्य है,लकिन कुछ बातो का ख्याल रखे तो काफी हद तक यह सम्भव है और यही आपकी सफलता को निर्धरित करता है !*आपका उदेश्य सबका उपयोग करके स्वयम को विकसित करने का नही होना चाहिए ,बल्कि अपनी सेवा से सबको विकसित करने का होना चाहिए !*किसी को अपने जैसा बनाने की चेष्टा मत करो बल्कि जिसमे जो प्रतिभा है ,उसका उपयोग करने के प्रयास करो !*दुसरे आपके कहने से नही ,आपके आचरण को देखकर सुधरते है !*किसी के अहंकार पर चोट न करे ,उसके विवेक को जागृत करे !*जो सबसे ज्यादा झुकता है वह सबसे ज्यादा सम्मान का पात्र होता है!* दुसरो के लिए किसी मूल्यवान वस्तु का बलिदान करना अमूल्य की प्राप्ति का साधन है !***छोटो से आपका प्यार बना रहे इसी में आपका बडप्पन है !*तोड़ने वाली ताकतों का मुकाबला एकजुट होकर करे !*छोटी -मोटी बातो को ज्यादा तुल न दे !* हमेशा गंभीर बाते ही न करे !मनोरंजन नजदीकिया बढ़ाता है !*किसी से सहयोग चाहते है तो पहले सहयोग करे !*किसी का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए एक बार कर सकते है बार-बार नही !*जो अभी अपरिचित है वह भविष्य का सहयोगी हो सकता है यह कभी न भूले !*तात्कालिक लाभ -हानि के लिए सम्बन्धो को खराब न करे !*सब मेंकुछ न कुछ कमी होती है ,यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी है !*अपने साथियों की प्रशंसा करने का एक भी अवसर न खोये !*जिसका जितना हक है उसे देने में अफ़सोस न करे !*कमजोर आदमी को बाहर नही उसे मजबूत करने के प्रयास करे !*किसी को सुधारनेके लिए दुसरो के सामने उसकी आलोचना नही करे !*कोई सामूहिक कार्य करना हो तो दुसरो को आदेश देने के बजाय खुद वह काम शुरू कर दे !*गलती करने वाले से घृणा करोगे तो आपका प्रिय कोई नही होगा !*हमेशा अपने निर्णय ही न थोपे , साथियों के विचार पर भी पूरा ध्यान दे !*नये साथी मिल जाये तो पुरानो को न छोड़ दे !*किसी की आलोचना करने से पहले सोच ले उस परिस्थिति में आप क्या करते ?*आपके अंदर जोश है तो आपके सन्गठन में जोश रहेगा !*आप अपनी गलती स्वीकार करोगे तो आपके साथी भी अपनी गलती स्वीकार करेगे !*अपने साथियों के व्यक्तिगत जीवन का भी ध्यान रखे !* अपने साथियों की तकलीफ के समय साथ देना आपका फर्ज है !*किसी को छोटा मत समझो ,दीपक की एक लो पुरे घर को प्रकाशवान कर देती है !

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