सोमवार, 9 मई 2011

कर्म

जहा जीवन है वहा कर्म अनिवार्य है ! छोटे से छोटे जीव भी अपने कार्य में संलग्न है !जिन्दगी में कभी भी बिना किये कुछ पाने की लालसा मत रखो ! जहा कर्म नही वहा जीवन नही !बिना कर्म के जीवन का कोई मोल नही ! कर्म करते कभी लगे कि काश कर्म नही करना पड़े तो यह आपकी भूल है! यह प्रवृति हमेशा मुसीबतों कि और धकेलती है !ज्यादातर लोग ऐसे रस्ते खोजते रहते है

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