मंगलवार, 10 मई 2011

आचरण





आचरण बाहर की वस्तु नही है , आचरण भीतर की प्ररेणा से उपजता है ! जो आप ग्रहण करेगे ,वही आपके भीतर होगा !अत हमेशा अच्छा भोजन करे , अच्छे लोगो की बाते सुने , अच्छा संगीत सुने ,अच्छा साहित्य पढ़े और अच्छे लोगो के साथ रहे !आचरण की शुद्दी के लिए कथनी और करनी के अंतर को दूर करना बहुत जरूरी है !आचरण की सुन्दरता शरीर की सुन्दरता से ज्यादा लोगो को अपना बनाती है !पैसे से आप वस्तुए खरीद सकते है , पर लोगो के दिलो को नही ! दिलो में तो आप आचरण से ही बस सकते है ! विनम्रता बलवान का गहना है और कमजोर की ताकत !किसी को धोखा देकर उठाया हुआ फायदा भविष्य को बहुत बड़ा नुकसान है !दुसरे के आचरण को सुधारने के लिए खुद दुराचरण मत कीजिये ! विचारो की निर्मलता का असर आचरण पर स्वत ही आ जाता है ! अपना बडप्पन दिखाने की कोशिश कभी न करे , इसी में आपका बडप्पन है !नशा शब्द नाश से बना है , क्योकि नशा सुख ,शांति ,सम्पति ,सम्मान ,शरीर ,समय ,स्वजन और समाज सबका नाश करता है !दुसरो की सेवा न कर सको तो कम से कम किसी को कष्ट मत दो !किसी के साथ विश्वासघात करना स्वाभिमान की हत्या है !आपका आचरण शुद्द है तो अज्ञानता का पश्चाताप न करे !ज्ञान की आवश्यकता आचरण की शुद्दता के लिए होती है !पावन आचरण भगवान की पूजा से ज्यादा धार्मिकता की बात है !धोखे व् फरेब द्वारा धन कमाया जा सकता है पर मन की शांति नही ,जबकि इमानदारी से धन व् शांति दोनों कमाए जा सकते है !{हमे अपनी मनोवृतियो के प्रति सजग होना पड़ेगा !}

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